आर्द्रा भारतीय ज्योतिष में एक नक्षत्र है। संस्कृत भाषा से आए इस नाम का अर्थ होता है "नम"। आर्द्रा से सम्बन्धित हिंदू मिथक बृहस्पति की दूसरी पत्नी तराका के साथ है। तराका एक असुर है जिसे ब्रह्मा द्वारा अखंडनीयता का वरदान मिला हुआ है। आर्द्रा सताइस नक्षत्रों में से एक है।[1] आकाशमंडल में आर्द्रा नक्षत्र छटा है। यह राहू का नक्षत्र है व मिथुन राशि में आता है। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहू है व इसकी दशा 18 वर्ष की होती हैं, लेकिन मिथनु राशि पर 5 माह 12 दिन से 18 वर्ष तक चंद्र की स्थितिनुसार दशा जन्म के समय भोगना पड़ती है।

आद्रा

इसके बाद ही ज्ञान के कारक गुरु की दशा लगती है, जो पूरे 16 वर्ष भोगना पड़ती है। किसी भी जातक का जन्म जिस नक्षत्र में होता है। उस नक्षत्र के स्वामी का प्रभाव उसके जीवन पर अवश्य देखा जाता है। आर्द्रा नक्षत्र व मिथुन राशि पर जन्में जातक को राहू व बुध का जीवनभर प्रभाव रहेगा। वहीं गुरु का भी महत्त्व उसके जीवन में देखने को मिलेगा।

इस नक्षत्र में जन्में जातक चंचल स्वभाव के हँसमुख, अभिमानी, दुःख पाने वाले, बुरे विचारों वाले व्यसनी भी होते हैं। राहू की स्थितिनुसार फल भी मिलता है। मेष लग्न हो राहू लग्न में आर्द्रा नक्षत्र का हो तो ऐसा जातक राजनीति में पराक्रमी, चतुर चालक अपने विरोधियों को परास्त करने वाला, शत्रुहंता होता है। ऐसा जातक अत्यन्त कामुक होता है। वृषभ तथा मिथुन का राहू इस लग्न में वाणी से चतुर बनाएगा, शत्रुहंता भी होगा।

  1. Harness, Dennis M. (1999). The Nakshatras: The Lunar Mansions of Vedic Astrology. Wisconsin: लोट्स प्रेस. पृ॰ 23. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-914955-83-7. मूल से 5 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अक्तूबर 2012.

इन्हें भी देखें

संपादित करें
🔥 Top keywords: मुखपृष्ठभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशविशेष:खोजविराट कोहलीरोहित शर्माहार्दिक पांड्याक्लियोपाट्रा ७कबीरॐ नमः शिवायसूर्यकुमार यादवरासायनिक तत्वों की सूचीभारत के प्रधान मंत्रियों की सूचीभारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलजसप्रीत बुमराहभारत का संविधानतुलसीदासहिन्दी की गिनतीकल्कि 2898 एडीप्रेमचंदकल्किसुभाष चन्द्र बोससंज्ञा और उसके भेदमहादेवी वर्माइंस्टाग्रामजय शाहआईसीसी विश्व ट्वेन्टी २०महात्मा गांधीमिया खलीफ़ासूरदासआईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफ़ीभारतीय न्याय संहितासुनीता विलियम्सभीमराव आम्बेडकरनवरोहणभारतश्री संकटनाशनं गणेश स्तोत्रअश्वत्थामाभैरोंसिंह शेखावतआईसीसी क्रिकेट विश्व कप