साँचा:आज का आलेख १ मई २०१०
![तीन हृदय धमनी बाईपास ग्राफ़्ट](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/3/30/Heart_saphenous_coronary_grafts.jpg/100px-Heart_saphenous_coronary_grafts.jpg)
बाईपास सर्जरी हृदय को रक्त पहुंचाने वाली ३ धमनियों की शल्य क्रिया को कहते हैं।हृदय की धमनी में कुछ बाधा होने को हृदय धमनी रोग कहते हैं। यह रुकावट वसा के जमाव होने से होती है, जिससे धमनी कठोर हो जाती है व रक्त के निर्बाध बहाव में रुकावट आती है। हृदय के वाल्व खराब होने, रक्तचाप बढ़ने, हृदय की मांसपेशी बढ़ने और हृदय कमजोर होने से हृदयाघात हो जाता है। यदि समय पर इलाज हो तो बचा जा सकता है। धमनी के पूर्ण बंद होने की स्थिति में हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती हैं। हृदय की तीन मुख्य धमनियों में से किसी भी एक या सभी में अवरोध पैदा हो सकता है। ऐसे में शल्य क्रिया द्वारा शरीर के किसी भाग से नस निकालकर उसे हृदय की धमनी के रुके हुए स्थान के समानांतर जोड़ दिया जाता है। यह नई जोड़ी हुई नस धमनी में रक्त प्रवाह पुन: चालू कर देती है। इस शल्य-क्रिया तकनीक को बाईपास सर्जरी कहते हैं। विस्तार में...
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